मित्रो,
जैसा कि आप सभी इस बात से अवगत ही हैं कि वर्ष 1986 में चौथे केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिश के आधार पर केंद्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा के कनिष्ठ अनुवादक और केंद्रीय सचिवालय सेवा के सहायक के पदों के लिए समान वेतनमान अर्थात 1400 - 2600/ रु. का वेतनमान दिया गया था। लेकिन, सहायकों के एसोसिएशन ने कैट में मुकदमा दायर करके और कैट द्वारा वर्ष 1990 में उस मुकदमे पर उनके पक्ष में निर्णय दिए जाने के फलस्वरूप सहायकों के लिए वर्ष 1986 से प्रभावी 1640 - 2900/ रु. का वेतनमान प्राप्त किया जोकि उस समय हमारे संवर्ग के वरिष्ठ अनुवादक के वेतनमान के समतुल्य था। इस तथ्य के मद्देनज़र और विगत में सहायक और कनिष्ठ अनुवादक का सदैव बराबर वेतनमान होने के तथ्य के भी मद्देनज़र तत्कालीन अनुवादक संघ ने इस विसंगति को दूर कराने के लिए कैट के पश्चात माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय में मुकदमा दायर किया। माननीय उच्च न्यायालय ने अपने निर्णय में कनिष्ठ अनुवादक को वर्ष 1986 से सहायकों के समान 1640 - 2900/ रु. का वेतनमान प्रदान किए जाने का आदेश दिया था। लेकिन, सरकार ने उक्त निर्णय को आंशिक रूप में लागू करते हुए वर्ष 1996 से नोशनल और वर्ष 2003 से वास्तविक रूप में उक्त वेतनमान प्रदान किया। इसके फलस्वरूप उक्त निर्णय को वर्ष 1986 से लागू कराने के लिए कैट में पुन: मुकदमा दायर किया गया है। इस मामले पर अनुकूल निर्णय आने से संवर्ग के अधिकारियों सहित कमोबेश हमारे लगभग सभी साथियों को आर्थिक लाभ पहुंचने की आशा है।
इस समय, इस मुकदमे की पैरवी 17 जुलाई, 2012 को निर्वाचित केंद्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा अनुवादक संघ द्वारा पूरी मुस्तैदी के साथ की जा रही है। तत्कालीन अनुवादक एसोसिएशन द्वारा इस संबंध में पूर्व में संवर्ग के सभी अनुवादकों व अधिकारियों से चंदा एकत्र करने का कार्य किया गया था। उस समय पर्याप्त मात्रा में चंदा एकत्र नहीं हो सका था। यद्यपि उस चंदे में से कुछ राशि गत वर्ष निर्वाचित अनुवादक संघ को सौंप दी गई है, तथापि सौंपी गई राशि उक्त मुकदमे में आगे की अपेक्षित कार्रवाई करवाने के लिए अपर्याप्त है। अत: संवर्ग के सभी अधिकारियों, जिन्होंने उस समय अपना 1000/ रु. का अंशदान नहीं दिया था, से विनम्र अपील है कि इस समय मौजूदा अनुवादक संघ द्वारा एकत्र किए जा रहे चंदे की राशि में 1000/- रु. का अपना अंशदान दें ताकि वे इस मुकदमे की पैरवी के लिए रखे गए वरिष्ठ अधिवक्ता की सेवाएं जारी रख पाने में सक्षम हो सकें।
हमें विश्वास है कि उपर्युक्त के संबंध में संवर्ग के समस्त अधिकारियों का सहयोग व समर्थन निरपवाद रूप से प्राप्त होगा। सधन्यवाद।
इस अपील के लिए अनुवादक संघ की कृतज्ञता स्वीकार कीजिए।
ReplyDeleteसाथियो,
ReplyDeleteधन्यवाद। आप सभी इस तथ्य से सहमत होंगे कि अक्तूबर-नवंबर, 2012 में पुनर्गठित केंद्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा अधिकारी संवर्ग संगठन की मूल संकल्पना ही यही है कि वह संवर्ग की बेहतरी से जुड़े सभी मुद्दों पर अपने अनुवादक साथियों के साथ पारस्परिक ताल-मेल बिठाते हुए और राजभाषा के साथ यथा अपेक्षित सहयोग करते हुए पूरी सत्यनिष्ठा व पारदर्शिता के साथ सदैव प्रयासरत रहे। इसी तथ्य को देखते हुए अधिकारी संगठन का यह नैतिक दायित्व बनता है कि वह अपने अुनुवादक साथियों द्वारा सर्वजनहिताय उठाए जाने वाले किसी भी कदम में अपना यथासंभव सहयोग दे। पिछले वर्ष जुलाई में ही पुनर्गठित अनुवादक संघ द्वारा संवर्ग को 1986 से संशोधित वेतनमान दिलाने जैसे दीर्घ काल से लंबित मामले की पुरजोर पैरवी करना अपने आप में एक सराहनीय कदम है। अनुवादक संघ के इस नेक उद्देश्य के लिए अधिकारी संगठन की कोटि-कोटि शुभकामनाएं। संगठन को विश्वास है कि आप इस उद्देश्य को हासिल करने में अवश्य क़ामयाब होंगे।