Saturday 14 September 2013

हिंदी दिवस के उपलक्ष्‍य में शुभकामनाएं - राजभाषा हिंदी जनमानस की भाषा बने

मित्रो,

केंद्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा अधिकारी संवर्ग संगठन हिंदी दिवस (14 सितंबर, 2013)  के शुभ अवसर पर केंद्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा के सभी अधिकारियों के साथ-साथ अपने सभी अनुवादक साथियों को भी हार्दिक बधाई देता है। आइए,  इस पावन अवसर पर हम सब मिलकर यह संकल्‍प लें कि हम अपने-अपने कार्यालयों में भारत के संविधान के अनुच्‍छेद 343 व 351 में अंतर्विष्‍ट प्रावधानों के मद्देनज़र पूरे वर्ष सरल व सुबोध हिंदुस्‍तानी भाषा के प्रयोग को बढ़ावा देंगे। आप सभी इस बात से सहमत होंगे कि ऐसा करने से जहां एक ओर सरकारी काम-काज में हिंदी के क्रमिक प्रयोग को आसानी से प्रोत्‍साहित किया जा सकेगा, वहीं दूसरी ओर सूचना प्रौद्योगिकी के इस युग में हिंदी भाषा अपने सामर्थ्‍य व अपनी देवनागरी लिपि की वैज्ञानिकता के कारण जनमानस की भाषा भी बन सकेगी।

पुनश्‍च हार्दिक बधाई व शुभकामनाएं।

जय हिंद, जय हिंदी।  


Friday 13 September 2013

नव-पदोन्‍नत निदेशकों को बधाई

केंद्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा संवर्ग अधिकारी संगठन  राजभाषा विभाग द्वारा 08 संयुक्‍त निदेशकों को निदेशक के पद पर पदोन्‍नत किए जाने पर उन्‍हें बधाई देता है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि इस अधिकारी संगठन ने निदेशकों की काफी समय से लंबित पदोन्‍नति को लेकर गृह राज्‍य मंत्री महोदय और राजभाषा विभाग के सचिव महोदय व संयुक्‍त सचिव महोदया के स्‍तर पर मौखिक व लिखित दोनों ही रूप में एक से अधिक बार चिंता व्‍यक्‍त की थी, लेकिन यह भी निर्विवाद रूप से सत्‍य है कि यह सब राजभाषा विभाग द्वारा स्‍व-प्रेरणा से किए गए प्रयासों के कारण ही संभव हो सका है। इसलिए, यह अधिकारी संगठन अपने संवर्ग के आठ निदेशकों की पदोन्‍नति के लिए राजभाषा विभाग के उच्‍चाधिकारियों के साथ-साथ राजभाषा विभाग के सेवा अनुभाग के प्रति विशेष रूप से हार्दिक आभार व्‍यक्‍त करते हुए उन्‍हें इस नेक कार्य के निपटान के लिए साधुवाद ज्ञापित करता है।

यहां पर इस बात का उल्‍लेख करना संदर्भगत होगा कि राजभाषा विभाग के सचिव महोदय व संयुक्‍त सचिव महोदया दोनों ने इस अधिकारी संगठन को विगत हाल ही में आश्‍वासन दिया है कि निदेशक के पद पर प्रतिनियुक्‍ति के मौजूदा प्रावधान को पूरी तरह से समाप्‍त करने की कार्रवाई राजभाषा विभाग द्वारा शीघ्र ही शुरू की जाएगी। पुनश्‍च नव-पदोन्‍नत निदेशकों को बधाइयां और राजभाषा विभाग को धन्‍यवाद।

Friday 6 September 2013

कैट में वेतनमान संबंधी लंबित मामले (सुनवाई की अगली तारीख - 20 सितंबर, 2013) के संबंध में सभी अधिकारियों से विनम्र अपील

मित्रो,

जैसा कि आप सभी इस बात से अवगत ही हैं कि वर्ष 1986 में चौथे केंद्रीय वेतन आयोग की सिफारिश के आधार पर केंद्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा के कनिष्‍ठ अनुवादक और केंद्रीय सचिवालय सेवा के सहायक के पदों के लिए समान वेतनमान अर्थात 1400 - 2600/ रु. का वेतनमान दिया गया था। लेकिन, सहायकों के एसोसिएशन ने कैट में मुकदमा दायर करके और कैट द्वारा वर्ष 1990 में  उस मुकदमे पर उनके पक्ष में निर्णय दिए जाने के फलस्‍वरूप सहायकों के लिए वर्ष 1986 से प्रभावी 1640 - 2900/ रु. का वेतनमान प्राप्‍त किया जोकि उस समय हमारे संवर्ग के वरिष्‍ठ अनुवादक के वेतनमान के समतुल्‍य था। इस तथ्‍य के मद्देनज़र और विगत में सहायक और कनिष्‍ठ अनुवादक का सदैव बराबर वेतनमान होने के तथ्‍य के भी मद्देनज़र तत्‍कालीन अनुवादक संघ ने  इस विसंगति को दूर कराने के लिए कैट के पश्‍चात माननीय दिल्‍ली उच्‍च न्‍यायालय में मुकदमा दायर किया।  माननीय उच्‍च न्‍यायालय ने अपने निर्णय में कनिष्‍ठ अनुवादक को वर्ष 1986 से सहायकों के समान 1640 - 2900/ रु. का वेतनमान प्रदान किए जाने का आदेश दिया था। लेकिन, सरकार ने उक्‍त निर्णय को आंशिक रूप में लागू करते हुए वर्ष 1996 से नोशनल और वर्ष 2003 से वास्‍तविक रूप में उक्‍त वेतनमान प्रदान किया। इसके फलस्‍वरूप उक्‍त निर्णय को वर्ष 1986 से लागू कराने के लिए कैट में पुन: मुकदमा दायर किया गया है। इस मामले पर अनुकूल निर्णय आने से संवर्ग के अधिकारियों सहित कमोबेश हमारे लगभग सभी साथियों को आर्थिक लाभ पहुंचने की आशा है। 

इस समय, इस मुकदमे की पैरवी 17 जुलाई, 2012 को निर्वाचित केंद्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा अनुवादक संघ द्वारा पूरी मुस्‍तैदी के साथ की जा रही है। तत्‍कालीन अनुवादक एसोसिएशन द्वारा इस संबंध में पूर्व में संवर्ग के सभी अनुवादकों व अधिकारियों से चंदा एकत्र करने का कार्य किया गया था। उस समय पर्याप्‍त मात्रा में चंदा एकत्र नहीं हो सका था। यद्यपि उस चंदे में से कुछ राशि गत वर्ष निर्वाचित अनुवादक संघ को सौंप दी गई है, तथापि सौंपी गई राशि उक्‍त मुकदमे में आगे की अपेक्षित कार्रवाई करवाने के लिए अपर्याप्‍त है। अत: संवर्ग के सभी अधिकारियों, जिन्‍होंने उस समय अपना 1000/ रु. का अंशदान नहीं दिया था, से विनम्र अपील है कि इस समय मौजूदा अनुवादक संघ द्वारा एकत्र किए जा रहे चंदे की राशि में 1000/- रु. का अपना अंशदान दें ताकि वे इस मुकदमे की पैरवी के लिए रखे गए वरिष्‍ठ अधिवक्‍ता की सेवाएं जारी रख पाने में सक्षम हो सकें। 

हमें विश्‍वास है कि उपर्युक्‍त के संबंध में संवर्ग के समस्‍त अधिकारियों का सहयोग व समर्थन निरपवाद रूप से  प्राप्‍त होगा। सधन्‍यवाद।

सेवा संबंधी मामलों पर अद्यतन स्‍थिति

मित्रो,

केंद्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा अधिकारी संवर्ग संगठन द्वारा राजभाषा विभाग से संपर्क करने पर ज्ञात हुआ है कि राजभाषा विभाग के पास कार्रवाई हेतु लंबित संवर्ग संबंधी विभिन्‍न मुद्दों पर राजभाषा विभाग द्वारा की गई या की जा रही कार्रवाई की अद्यतन स्‍थिति निम्‍नानुसार है: - 

1).  आठ निदेशकों की पदोन्‍नति संबंधी मामला:  निदेशक के इस समय रिक्‍त कुल 10 पदों में से 08 पदों को तदर्थ आधार पर पदोन्‍नति से भरने हेतु 07 अगस्‍त, 2013 को हुई विभागीय पदोन्‍नति समिति की बैठक के कार्यवृत्‍त को पदोन्‍नति समिति के सभी सदस्‍यों द्वारा अनुमोदित किए जाने के पश्‍चात उसे लगभग एक सप्‍ताह पूर्व माननीय गृह राज्‍य मंत्री जी के अनुमोदनार्थ प्रस्‍तुत किया गया था। इस संबंध में राजभाषा विभाग की सहायता करने के उद्देश्‍य से संगठन के पदाधिकारियों द्वारा उक्‍त मिसिल के संचालन पर बराबर नज़र रखी जा रही थी। आज ही पूर्वाह्न में संगठन के महासचिव ने माननीय मंत्री जी के अनुमोदन के पश्‍चात इस मिसिल को सचिव, राजभाषा विभाग के पास पहुंचा दिया है। आज अपराह्न या कल पूर्वाह्न तक इस मिसिल के सेवा अनुभाग, राजभाषा विभाग के पास पहुंच जाने की संभावता है। तत्‍पश्‍चात, राजभाषा विभाग के सचिव महोदय के अनुमोदन से निदेशकों की तैनाती किए जाने संबंधी आदेश जारी किए जाने की कार्रवाई की जाएगी।

2).  पांच उप-निदेशकों की संयुक्‍त निदेशक के पद पर पदोन्‍नति: राजभाषा विभाग से यह भी जानकारी प्राप्‍त हुई है कि विभाग द्वारा पांच उप-निदेशकों को संयुक्‍त निदेशक के पद पर तदर्थ आधार पर  पदोन्‍नत किए जाने की कार्रवाई शीघ्र ही शुरू की जा रही है।

3). संशोधित भर्ती नियमों की स्‍थिति: इस संगठन के पदाधिकारियों द्वारा कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीऐंडटी) के संबंधित अधिकारियों के साथ निरंतर संपर्क बनाए रखने और साथ ही, राजभाषा विभाग की वर्तमान संयुक्‍त सचिव महोदया की डीओपीऐंडटी के संबंधित संयुक्‍त सचिव के साथ बैठक होने के फलस्‍वरूप लगभग 20 दिन पूर्व डीओपीऐंडटी द्वारा अनुमोदित भर्ती नियमों की मिसिल को इस संगठन के महासचिव ने राजभाषा विभाग पहुंचा दिया था।

राजभाषा विभाग में उक्‍त भर्ती नियमों के सभी पहलुओं पर गंभीरतापूर्वक विचार किया जा रहा है। यदि राजभाषा विभाग को किसी पहलू को लेकर कोई आपत्‍ति होगी, तो उक्‍त भर्ती नियमों को डीओपीऐंडटी के विचारार्थ पुन: भेजना पड़ेगा। यदि राजभाषा विभाग डीओपीऐंडटी द्वारा अनुमोदित भर्ती नियमों को यथावत स्‍वीकार कर लेता है, तो सचिव महोदय के अनुमोदनोपरांत इन भर्ती नियमों को संघ लोक सेवा आयोग तथा केंद्रीय विधि और न्‍याय मंत्रालय के अनुमोदनार्थ भेजने की कार्रवाई की जाएगी।

4). मौजूदा तदर्थ उप-निदेशकों के नियमितीकरण का मुद्दा:  उन चार-पांच तदर्थ उप-निदेशकों को छोड़कर जिनकी राजभाषा विभाग द्वारा बार-बार अनुस्‍मारक दिए जाने के बावजूद विभाग में अभी तक एपीएआर प्राप्‍त नहीं हुई है, शेष सभी तदर्थ उप निदेशकों को नियमित किए जाने संबंधी कार्रवाई को शीघ्र ही संपन्‍न किए जाने की संभावना है। इस संबंध में राजभाषा विभाग की वेबसाइट पर नज़र बनाए रखें।

इस संगठन द्वारा विगत में किए गए प्रयासों से सभी अधिकारियों को अवगत कराने के प्रयोजन से इस ब्‍लॉग पर चलायी जा रही पूर्व-दृश्‍य (Flashback) नामक कड़ी के साथ-साथ भविष्‍य में आपको सेवा संबंधी मुद्दों पर अद्यतन स्‍थिति से भी अवगत कराने का प्रयास रहेगा। साथ ही, आप सभी साथियों के सुझाव व टिप्‍पणियां प्रार्थित हैं।