मित्रो,
इस संगठन ने 23 अगस्त, 13 को अपने इस ब्लॉग का शुभारंभ करते समय आपको आश्वासन दिया था कि संगठन द्वारा इस ब्लॉग के माध्यम से 07 नवंबर, 2012 से लेकर अभी तक संवर्ग के विभिन्न मुद्दों को लेकर किए गए प्रयासों की कड़ियों में जानकारी सुलभ कराई जाएगी। साथ ही, आप सुलभ संदर्भ हेतु केंसराभासे अधिकारी संवर्ग संगठन के पदाधिकारियों और कार्यकारिणी सदस्यों के नाम भी जानने के इच्छुक होंगे।
सर्वप्रथम उल्लेखनीय है कि संगठन ने 07 नवंबर, 12 को ही परिवहन भवन के भूतल स्थित सभागार में अपनी आम सभा की बैठक बुलाई। इस बैठक में केंसराभासे संवर्ग के सभी स्तर के अधिकारियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया। संगठन के अध्यक्ष, श्री दिनेश कुमार पाण्डेय जी की अनुमति प्राप्त करने के उपरांत बैठक की शुरुआत करते हुए संगठन के महासचिव, श्री राकेश दुबे ने निर्वाचित कार्यकारिणी को मूर्त रूप प्रदान करने के लिए आम सभा के बैठक में उपस्थित सभी सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त किया और साथ ही, इस बैठक में उपस्थित होने के लिए उनका धन्यवाद भी ज्ञापित किया। तत्पश्चात उन्होंने सभा के समक्ष उन सभी लंबित मुद्दों का उल्लेख किया जिन पर संगठन द्वारा कार्रवाई की जानी अपेक्षित है। महासचिव ने निदेशक के पद पर से प्रतिनियुक्ति के प्रावधान को हटाने, सितंबर, 2011 में अधिसूचित हुए संवर्ग पुनर्गठन के फलस्वरूप नए भर्ती नियमों को शीघ्रातिशीघ्र अधिसूचित कराए जाने और उक्त पुनर्गठन के समय रिक्त पड़े सभी पदों को एकबारगी रिलैक्सेशन के तहत पदोन्नति द्वारा भरे जाने, तदर्थ सहायक निदेशकों सहित सभी स्तर के अधिकारियों को रिक्ति की तारीख से नियमित किए जाने जैसे कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर संगठन द्वारा अपनाई जाने वाली कार्यनीति का विस्तारपूर्वक ब्यौरा दिया। आम सभा के सभी सदस्यों से एक-एक करके इन मुद्दों पर राय भी मांगी गई। तत्पश्चात कुछ महत्वपूर्ण मुद्दों पर सर्वसम्मति से उनको राजभाषा विभाग के समक्ष उठाए जाने का निर्णय लिया गया। अंत में चर्चा के लिए कोई अन्य मुद्दा न होने की स्थिति में अध्यक्ष महोदय को धन्यवाद ज्ञापन के साथ बैठक संपन्न हुर्इ।
तदनंतर, संगठन के अध्यक्ष, श्री दिनेश कुमार पाण्डेय, दोनों उपाध्यक्ष, श्री सुनील कुमार व श्री महेश चन्द्र भारद्वाज, महासचिव, श्री राकेश बाबू दुबे, कोषाध्यक्ष, श्री भारतेश कुमार मिश्र, दोनों संयुक्त सचिव, श्रीमती ऊषा बिंजोला व श्री विजय सिंह मीणा सहित कार्यकारिणी के कुछ सदस्यों ने 09 नवंबर व 03 दिसंबर, 2012 को राजभाषा विभाग के तत्कालीन सचिव, श्री ए. के. मंगोत्रा जी को क्रमश: दो अलग-अलग ज्ञापन सौंपे जिनमें उपर्युक्त सभी मुद्दों पर अविलंब कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया।
शेष अगली कड़ी में। कृपया इस ब्लॉग पर नज़र बनाए रखें।