Wednesday 28 August 2013

श्रीकृष्‍णजन्‍माष्‍टमी पर शुभकामनाएं

जन्‍माष्‍टमी के शुभ अवसर पर केंद्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा अधिकारी संवर्ग संगठन की ओर से केंद्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा परिवार के सभी सदस्‍यों को हार्दिक शुभकामनाएं।
 
श्रीमद्भगवद्गीता में भगवान श्रीकृष्‍ण ने अर्जुन को कर्म के बारे में उपदेश देते हुए कहा है:
 
कर्मण्‍येवाधिकारस्‍ते मा फलेषु कदाचन।
मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते संगोअस्‍त्‍वकर्मणि।।  
 
तात्‍पर्य: तुम्‍हे अपना कर्म (कर्तव्‍य) करने का अधिकार है, किंतु कर्म के फलों के तुम अधिकारी नहीं हो। तुम न तो कभी अपने आपको अपने कर्मों के फलों का कारण मानो, न ही कर्म करने में कभी आसक्‍त होओ।
 
श्रीकृष्‍णजन्‍माष्‍टमी के इस पावन अवसर पर आइए संगठन के हम सभी सदस्‍य यह संकल्‍प लें कि भगवान श्रीकृष्‍ण के उपर्युक्‍त उपदेश में निहित भावना से ओतप्रोत होते हुए अपने संवर्ग के लंबित सभी मुद्दों का शीघ्रातिशीघ्र निदान करने और संवर्ग की बेहतरी के लिए सदैव अग्रसर रहें।

Tuesday 27 August 2013

पूर्व दृश्‍य (Flashback) - 09 नवंबर व 03 दिसंबर, 2012 को राजभाषा विभाग के तत्‍कालीन सचिव को ज्ञापन

मित्रो,

इस संगठन ने 23 अगस्‍त, 13 को अपने इस ब्‍लॉग का शुभारंभ करते समय आपको आश्‍वासन दिया था कि संगठन द्वारा इस ब्‍लॉग के माध्‍यम से 07 नवंबर, 2012 से लेकर अभी तक संवर्ग के विभिन्‍न मुद्दों को लेकर किए गए प्रयासों की कड़ियों में जानकारी सुलभ कराई जाएगी। साथ ही, आप सुलभ संदर्भ हेतु केंसराभासे अधिकारी संवर्ग संगठन के पदाधिकारियों और कार्यकारिणी सदस्‍यों के नाम भी जानने के इच्‍छुक होंगे। 

सर्वप्रथम उल्‍लेखनीय है कि संगठन ने 07 नवंबर, 12 को ही परिवहन भवन के भूतल स्‍थित सभागार में अपनी आम सभा की बैठक बुलाई। इस बैठक में केंसराभासे संवर्ग के सभी स्‍तर के अधिकारियों ने बड़ी संख्‍या में भाग लिया। संगठन के अध्‍यक्ष, श्री दिनेश कुमार पाण्‍डेय जी की अनुमति प्राप्‍त करने के उपरांत बैठक की शुरुआत करते हुए संगठन के महासचिव, श्री राकेश दुबे ने निर्वाचित कार्यकारिणी को मूर्त रूप प्रदान करने के लिए आम सभा के बैठक में उपस्‍थित सभी सदस्‍यों के प्रति आभार व्‍यक्‍त किया और साथ ही, इस बैठक में उपस्‍थित होने के लिए उनका धन्‍यवाद भी ज्ञापित किया। तत्‍पश्‍चात उन्‍होंने सभा के समक्ष उन सभी लंबित मुद्दों का उल्‍लेख किया जिन पर संगठन द्वारा कार्रवाई की जानी अपेक्षित है। महासचिव ने निदेशक के पद पर से प्रतिनियुक्‍ति के प्रावधान को हटाने, सितंबर, 2011 में अधिसूचित हुए संवर्ग पुनर्गठन के फलस्‍वरूप नए भर्ती नियमों को शीघ्रातिशीघ्र अधिसूचित कराए जाने और उक्‍त पुनर्गठन के समय रिक्‍त पड़े सभी पदों को एकबारगी रिलैक्‍सेशन के तहत पदोन्‍नति द्वारा भरे जाने, तदर्थ सहायक निदेशकों सहित सभी स्‍तर के अधिकारियों को रिक्‍ति की तारीख से नियमित किए जाने जैसे कई महत्‍वपूर्ण मुद्दों पर संगठन द्वारा अपनाई जाने वाली कार्यनीति का विस्‍तारपूर्वक ब्‍यौरा दिया।  आम सभा के सभी सदस्‍यों से एक-एक करके इन मुद्दों पर राय  भी मांगी गई। तत्‍पश्‍चात कुछ महत्‍वपूर्ण मुद्दों पर सर्वसम्‍मति से उनको राजभाषा विभाग के समक्ष उठाए जाने का निर्णय लिया गया। अंत में चर्चा के लिए कोई अन्‍य मुद्दा न होने की स्‍थिति में अध्‍यक्ष महोदय को धन्‍यवाद ज्ञापन के साथ बैठक संपन्‍न हुर्इ।

तदनंतर, संगठन के अध्‍यक्ष, श्री दिनेश कुमार पाण्‍डेय, दोनों उपाध्‍यक्ष, श्री सुनील कुमार व श्री महेश चन्‍द्र भारद्वाज, महासचिव, श्री राकेश बाबू दुबे, कोषाध्‍यक्ष, श्री भारतेश कुमार मिश्र, दोनों संयुक्‍त सचिव, श्रीमती ऊषा बिंजोला व श्री विजय सिंह मीणा सहित कार्यकारिणी के कुछ सदस्‍यों ने 09 नवंबर व 03 दिसंबर, 2012 को राजभाषा विभाग के तत्‍कालीन सचिव, श्री ए. के. मंगोत्रा जी को क्रमश: दो अलग-अलग ज्ञापन सौंपे जिनमें उपर्युक्‍त सभी मुद्दों पर अविलंब कार्रवाई करने का अनुरोध किया गया। 

शेष अगली कड़ी में। कृपया इस ब्‍लॉग पर नज़र बनाए रखें।     

Friday 23 August 2013

ब्‍लॉग का शुभारंभ नई ऊर्जा और नए संकल्‍प के साथ

मित्रो,

केंद्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा अधिकारी संवर्ग संगठन के इस नए ब्‍लॉग पर आपका स्‍वागत है।

इस ब्‍लॉग की शुरुआत करने में कुछ अपरिहार्य कारणों से विलंब हुआ जिसके लिए हमें खेद है। इसका मुख्‍य कारण यह था कि संगठन की नवनिर्वाचित कार्यकारिणी संवर्ग संबंधी कुछ मुद्दों का राजभाषा विभाग के साथ मिल-जुल कर निदान करने में व्‍यस्‍त थी। इसके अलावा, इस बीच राजभाषा विभाग स्‍व-प्रेरणा से केंद्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा संवर्ग के सभी सदस्‍यों - अनुवादक से लेकर निदेशक तक - के सेवा संबंधी लगभग सभी मामलों पर पूरी ईमानदारी, सत्‍यनिष्‍ठा और पारदर्शिता के साथ सकारात्‍मक  कार्रवाई करने की दिशा में निरंतर प्रयासरत था, इसलिए तत्‍काल ब्‍लॉग की आवश्‍यकता न महसूस करते हुए उसके शुभारंभ में विलंब हुआ। 

इससे पहले कि अपने सभी साथियों के साथ अपने संवर्ग की बेहतरी से जुड़े समस्‍त मुद्दों पर स्‍वस्‍थ चर्चा की जाए या उन्‍हें साझा किया जाए, 07 नवंबर, 2012 को नवनिर्वाचित इस केंद्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा अधिकारी संवर्ग संगठन (CSOLS OFFICERS' CADRE ASSOCIATION) के इतिहास और इस संगठन को सक्रिय रूप से पुनरुज्‍जीवित करने की आवश्‍यकता के बारे में संक्षेप में चर्चा करना प्रासंगिक होगा।

संगठन की तत्‍कालीन कार्यकारिणी को भंग करने संबंधी परिपत्र
यह सर्वविदित है कि अपने अनुवादक साथियों ने केंद्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा अनुवादक संघ के लंबे समय से लंबित निर्वाचन को 17 जुलाई, 2012 को संपन्‍न कराने के उपरांत नवनिर्वाचित कार्यकारिणी का गठन कर लिया था। निस्‍संदेह इसी तर्ज पर अधिकारियों के लिए भी एक निर्वाचित संगठन व कार्यकारिणी की नितांत आवश्‍यकता महसूस की जा रही थी। साथ ही, प्रस्‍तावित नवनिर्वाचित कार्यकारिणी के अस्‍तित्‍व में आने के पश्‍चात इस राजभाषा सेवा अधिकारी संवर्ग संगठन को मान्‍यता दिलाए जाने की भी परिकल्‍पना थी।

उल्‍लेखनीय है कि यह अधिकारी संगठन अस्‍सी के दशक से ही अस्‍तित्‍व में है। समय-समय पर इसके पदाधिकारियों ने संवर्ग की बेहतरी हेतु प्रयास भी किए। यह भी सच है कि इसे किसी समय एक मान्‍यताप्राप्‍त एसोसिएशन का स्‍तर प्राप्‍त था। इसकी मान्‍यता को जारी रखने का संभवत: प्रयास नहीं किया गया क्‍योंकि वर्ष 2003-04 के दौरान तत्‍कालीन अनुवादक संघ और इस संगठन को मिलाकर एक परिसंघ बनाने का निर्णय लिया गया था। हालांकि, पांच-छह वर्ष बाद कुछ अधिकारियों को यह महसूस होने लगा कि तत्‍कालीन अनुवादक संघ अधिकारियों के हितों की जाने या अनजाने में अनदेखी कर रहा है। इसीलिए, उन्‍होंने इस संगठन को पुनरुज्‍जीवित किया। हालांकि, हमें इस बात को स्‍वीकारने में कोई संकोच नहीं हो रहा है कि यह संगठन निष्‍क्रिय अवस्‍था में था और संवर्ग की बेहतरी से संबंधित मुद्दों पर अपने कार्यकलापों को जारी रख पाने में असमर्थ था। इसी तथ्‍य को ध्‍यान में रखते हुए, लोकतांत्रिक व पारदर्शी प्रणाली में विश्‍वास रखने वाले कुछ अधिकारियों ने संगठन के तत्‍कालीन पदाधिकारियों के साथ 04 अक्‍तूबर, 2012 को योजना भवन के प्रेक्षागार में एक बैठक की जिसमें इस संगठन को सक्रिय बनाए जाने की मांग की गई। तत्‍कालीन पदाधिकारियों ने अपनी कार्यकारिणी को उसी समय सर्वसम्‍मति से भंग करने का निर्णय लिया और नई कार्यकारिणी का चुनाव कराने की भी घोषणा की। संवर्ग के ही सेवानिवृत्‍त अधिकारी, श्री नंद किशोर, पूर्व उप-निदेशक को निर्वाचन अधिकारी के रूप में नियुक्‍त करने का भी निर्णय लिया गया। चुनाव के लिए नामांकन दाखिल कराने की अंतिम तारीख 31 अक्‍तूबर, 2012 नियत की गई और 07 नवंबर, 2012 को मतदान करने की तारीख के रूप में नियत किया गया।


चुनाव की घोषणा करने संबंधी परिपत्र
इसके पश्‍चात अगले दिन से ही केंद्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा संवर्ग के सभी अधिकारियों - सहायक निदेशक से लेकर निदेशक तक - से संपर्क करने का अभियान शुरू किया गया और इस संगठन के चुनाव कार्यक्रम से अवगत कराने और साथ ही, संगठन का सदस्‍य बनाने का कार्य भी युद्ध स्‍तर पर शुरू किया गया। हमें यह देखकर बहुत ही प्रसन्‍नता हुई कि संवर्ग के कमोबेश लगभग सभी अधिकारियों ने अधिकारी संगठन के लिए इस प्रकार पारदर्शी तरीके से पहली बार चुनाव कराए जाने के प्रयासों की न केवल प्रशंसा की बल्‍कि इस संगठन की सदस्‍यता को भी तहे दिल से और खुले मन से स्‍वीकार किया। इसके अलावा, संवर्ग के कल्‍याणार्थ अपना समय निकाल सकने वाले अधिकारियों से पदाधिकारी के रूप में या कार्यकारिणी के सदस्‍य के रूप में नामांकन दाखिल करने का भी अनुरोध किया गया। आप सभी साथियों के सहयोग से अंततोगत्‍वा 07 नवंबर, 2012 को  केंद्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा अधिकारी संवर्ग संगठन (CSOLS OFFICERS' CADRE ASSOCIATION) की विधिवत रूप से निर्वाचित कार्यकारिणी की घोषणा की गई और उसी दिन
आम सभा की बैठक की गई। तब से लेकर आज तक कार्यकारिणी की नियमित रूप से बैठकें होती हैं जिन पर संवर्ग के कल्‍याण से संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाता है और उनकी समीक्षा भी की जाती है।

नामांकन प्रपत्र
 इस बीच, संवर्ग संबंधी कई मुद्दों को लेकर संगठन के पदाधिकारियों ने राजभाषा विभाग के सचिव महोदय, तत्‍कालीन संयुक्‍त सचिव महोदय और मौजूदा संयुक्‍त सचिव महोदया के साथ कई सार्थक बैठकें कीं और उन्‍हें सेवा संबंधी लंबित कई मामलों को शीघ्रता से निपटाने हेतु अभ्‍यावेदन भी सौंपे। यहां पर इस बात का उल्‍लेख करना संदर्भगत होगा कि इस संगठन को इस बात पर रंच मात्र संदेह नहीं है कि राजभाषा विभाग का सेवा अनुभाग संवर्ग के सभी स्‍तरों के सेवा संबंधी सभी मामलों पर समानांतर रूप से पूरी निष्‍पक्षता के साथ कार्रवाई करने में निरंतर प्रयासरत है। हां, कुछ मामले ऐसे होते हैं जिनके औपचारिक अनुमोदन में यथोचित समय लगना तय है, इसलिए ऐसी स्‍थिति में अपेक्षित धैर्य बनाए रखना नितांत आवश्‍यक होता है। देर आए, दुरुस्‍त आए की भावना के साथ राजभाषा विभाग को सहयोग देना भी आवश्‍यक है।

इस एसोसिएशन ने लगभग सभी प्रकार की औपचारिकताएं पूरी करने के पश्‍चात अपेक्षित दस्‍तावेजों के साथ संगठन की मान्‍यता हेतु राजभाषा विभाग के विचारार्थ अपना आवेदन दिनांक 19.03.2013 को प्रस्‍तुत कर दिया है। हमें विश्‍वास है कि संगठन को मान्‍यता देने की प्रक्रिया शीघ्र ही पूरी कर ली जाएगी।

 केंद्रीय सचिवालय राजभाषा सेवा अधिकारी संवर्ग संगठन (CSOLS OFFICERS' CADRE ASSOCIATION) द्वारा 07 नवंबर, 2012 से लेकर अब तक किए गए प्रयासों का ब्‍यौरा भी आपकी जानकारी के लिए आगे कड़ियों में प्रस्‍तुत करने जा रहे हैं।

चुनाव परिणाम की घोषणा करने संबंधी पत्र
मित्रो, संवर्ग के आप सभी साथियों के सहयोग से ही हम संवर्ग की बेहतरी के लिए कुछ कर गुजरने में सफल होंगे। साथ ही, आपको विश्‍वास दिलाते हैं कि हम संवर्ग से संबंधित सभी प्रासंगिक मुद्दों पर आपको अद्यतन जानकारी सुलभ कराने का नियमित प्रयास करेंगे। संवर्ग के आप सभी साथियों से एक गुजारिश भी है कि आप कृपया इस ब्‍लॉग के माध्‍यम से हमें समय-समय पर अपने विचारों व सुझावों से अवगत कराते रहेंगे, आपके इस सहयोग के लिए यह संगठन आपका सदैव आभारी रहेगा।

आज यहीं पर अपनी बात समाप्‍त करते हैं। कृपया इस ब्‍लॉग को नियमित रूप से पढ़ते रहें और अपने विचारों व अपनी प्रतिक्रिया से हमें अवगत कराते रहें ताकि हम इस संगठन के माध्‍यम से आपके सार्थक विचारों को अमली जामा पहनाने में सफल हो सकें। आप इस ब्‍लॉग पर पोस्‍ट के नीचे टिप्‍पणी वाले कॉलम के अतिरिक्‍त csolsofficerscadre@gmail.com पर भी टिप्‍पणी एवं सुझावों से अवगत करा सकते हैं।  धन्‍यवाद।